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  • 🌴🌴🌴🇮🇳🌲🌲🏞️समस्त विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!

    प्रकृति हमारी माता है, इसलिए उज्ज्वल भविष्य और उत्तम स्वास्थ्य के लिए उसका संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य है।

    पौधारोपण करें, वृक्षों की देखभाल करें और दूसरों को भी इस पुण्य कार्य के लिए प्रेरित करें, ताकि हमारे साथ-साथ आने वाली पीढ़ियाँ भी एक स्वस्थ, समृद्ध और सुंदर जीवन का उपहार पा सकें।🌴🌴🌲🌲⛰️🏞️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
    🌴🌴🌴🇮🇳🌲🌲🏞️समस्त विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ! प्रकृति हमारी माता है, इसलिए उज्ज्वल भविष्य और उत्तम स्वास्थ्य के लिए उसका संरक्षण हम सभी का परम कर्तव्य है। पौधारोपण करें, वृक्षों की देखभाल करें और दूसरों को भी इस पुण्य कार्य के लिए प्रेरित करें, ताकि हमारे साथ-साथ आने वाली पीढ़ियाँ भी एक स्वस्थ, समृद्ध और सुंदर जीवन का उपहार पा सकें।🌴🌴🌲🌲⛰️🏞️🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
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  • 🌹🌹🌹बात अगर हमारे आत्म सम्मान की आ गई मोहतरमा तो तुम्हें वहां से भी उठा लेंगे जहां की रानी तुम🌹🌹🌹
    🌹🌹🌹बात अगर हमारे आत्म सम्मान की आ गई मोहतरमा तो तुम्हें वहां से भी उठा लेंगे जहां की रानी तुम🌹🌹🌹
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  • विवाह का संकट

    तुम्हारी शादी नहीं हो सकती क्योंकि तुम मांगलिक हो! मनोज जी की कड़क आवाज़ ने पूरे कमरे में सन्नाटा फैला दिया। वैशाली की आंखों में आंसू थे लेकिन उसने अपनी आवाज़ को मजबूत रखते हुए कहा मैंने क्या किया है?
    इंदौर के एक छोटे से मोहल्ले में एक साधारण से घर के बाहर एक कार खड़ी थी। अंदर 29 साल की वैशाली साड़ी पहने झुकी हुई पलकों के साथ बैठी थी। उसके चारों ओर रिश्तेदारों की भीड़ थी जो उसकी शादी की चर्चा कर रहे थे। सामने बैठा लड़का विपिन जी का बेटा बारबार उसे चोर नज़रों से देख रहा था लेकिन वैशाली ने एक बार भी अपनी आंखें नहीं उठाईं। उसकी मां अदिति जी सामने बैठी महिला से कह रही थीं तो हम ये रिश्ता पक्का समझें।
    तभी मनोज जी ने अपनी तेज आवाज़ में कहा हमारे घर में लड़कियां फैसला नहीं लेतीं। वैशाली की आंखों में नमी आ गई। विपिन जी ने मुस्कुराते हुए कहा आपने तो अच्छे संस्कार दिए हैं अपनी बेटी को। अदिति जी ने गर्व से कहा बहुत संस्कारी है मेरी बेटी आपको कभी शिकायत का मौका नहीं देगी। वैशाली ने मन में सोचा बहु बहु ही क्यों? कोई बेटी क्यों नहीं? तभी उसकी मां ने उसे मिठाई की प्लेट पकड़ाते हुए कहा चलो सबका मुंह मीठा करवाओ।
    जैसे ही वैशाली ने मिठाई की प्लेट लड़के के पास बढ़ाई उसने उसके हाथ को छू लिया। वैशाली ने उसे देखा और उसकी आंखों में आंसू आ गए। लड़के की मां ने कहा हम आपकी बेटी को बहुत पसंद करते हैं। अदिति जी ने उन्हें विदा किया लेकिन जैसे ही वे चले गए मनोज जी ने वैशाली को घूरते हुए कहा इस लड़की से बोल दो इतनी मुश्किल से कोई लड़का तैयार हुआ है जो पंडित जी जो रस्म बताए शांति से कर दे।
    अदिति जी ने सिर हिलाया लेकिन वैशाली के मन में एक तूफान चल रहा था। क्या वह सच में इस रिश्ते के लिए तैयार थी? तभी फोन की घंटी बजी और अदिति जी की आवाज़ सुनकर
    विवाह का संकट तुम्हारी शादी नहीं हो सकती क्योंकि तुम मांगलिक हो! मनोज जी की कड़क आवाज़ ने पूरे कमरे में सन्नाटा फैला दिया। वैशाली की आंखों में आंसू थे लेकिन उसने अपनी आवाज़ को मजबूत रखते हुए कहा मैंने क्या किया है? इंदौर के एक छोटे से मोहल्ले में एक साधारण से घर के बाहर एक कार खड़ी थी। अंदर 29 साल की वैशाली साड़ी पहने झुकी हुई पलकों के साथ बैठी थी। उसके चारों ओर रिश्तेदारों की भीड़ थी जो उसकी शादी की चर्चा कर रहे थे। सामने बैठा लड़का विपिन जी का बेटा बारबार उसे चोर नज़रों से देख रहा था लेकिन वैशाली ने एक बार भी अपनी आंखें नहीं उठाईं। उसकी मां अदिति जी सामने बैठी महिला से कह रही थीं तो हम ये रिश्ता पक्का समझें। तभी मनोज जी ने अपनी तेज आवाज़ में कहा हमारे घर में लड़कियां फैसला नहीं लेतीं। वैशाली की आंखों में नमी आ गई। विपिन जी ने मुस्कुराते हुए कहा आपने तो अच्छे संस्कार दिए हैं अपनी बेटी को। अदिति जी ने गर्व से कहा बहुत संस्कारी है मेरी बेटी आपको कभी शिकायत का मौका नहीं देगी। वैशाली ने मन में सोचा बहु बहु ही क्यों? कोई बेटी क्यों नहीं? तभी उसकी मां ने उसे मिठाई की प्लेट पकड़ाते हुए कहा चलो सबका मुंह मीठा करवाओ। जैसे ही वैशाली ने मिठाई की प्लेट लड़के के पास बढ़ाई उसने उसके हाथ को छू लिया। वैशाली ने उसे देखा और उसकी आंखों में आंसू आ गए। लड़के की मां ने कहा हम आपकी बेटी को बहुत पसंद करते हैं। अदिति जी ने उन्हें विदा किया लेकिन जैसे ही वे चले गए मनोज जी ने वैशाली को घूरते हुए कहा इस लड़की से बोल दो इतनी मुश्किल से कोई लड़का तैयार हुआ है जो पंडित जी जो रस्म बताए शांति से कर दे। अदिति जी ने सिर हिलाया लेकिन वैशाली के मन में एक तूफान चल रहा था। क्या वह सच में इस रिश्ते के लिए तैयार थी? तभी फोन की घंटी बजी और अदिति जी की आवाज़ सुनकर
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  • गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है। Anil dulait 💞 टेकऑफ के 2 मिनट बाद ही फ्लाइट एक बिल्डिंग से टकरा गई। इसके बाद प्लेन में आग लग गई। विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सहित 242 लोगो मे से 140 लोगो की मौके पर ही मौत हो गई😭😭विमान के शतिग्रस्त की खबर अत्यंत दुर्भाग्यजनक एवं हृदय विदारक है। 😢😥
    मैं ईश्वर से अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए समस्त नागरिकों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले। ईश्वर परिजनों को यह आघात सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें।
    ॐ शांति!😔
    गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है। Anil dulait 💞 टेकऑफ के 2 मिनट बाद ही फ्लाइट एक बिल्डिंग से टकरा गई। इसके बाद प्लेन में आग लग गई। विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सहित 242 लोगो मे से 140 लोगो की मौके पर ही मौत हो गई😭😭विमान के शतिग्रस्त की खबर अत्यंत दुर्भाग्यजनक एवं हृदय विदारक है। 😢😥 मैं ईश्वर से अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए समस्त नागरिकों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले। ईश्वर परिजनों को यह आघात सहन करने का सामर्थ्य प्रदान करें। ॐ शांति!😔
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  • अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लान क्रैश हादसे में मरने वाले यात्रियों के प्रति गहरी शोक संवेदनाएं और घायलों के शीग्रतिशीघ्र स्वस्थ होने की समस्त टॉकफीवर परिवार की ओर ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ |

    सभी मृतक यात्रियों को ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवारजनों को गहरे दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे |

    ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति
    अहमदाबाद में एयर इंडिया के प्लान क्रैश हादसे में मरने वाले यात्रियों के प्रति गहरी शोक संवेदनाएं और घायलों के शीग्रतिशीघ्र स्वस्थ होने की समस्त टॉकफीवर परिवार की ओर ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ | सभी मृतक यात्रियों को ईश्वर अपने श्री चरणों में स्थान दे और परिवारजनों को गहरे दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करे | ॐ शांति ॐ शांति ॐ शांति
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  • *भगवान का वास्तविक अर्थ क्या है?*

    "भगवान" शब्द में छिपा है प्रकृति का सार — भू (पृथ्वी), गगन (आकाश), वायु, अग्नि और नीर (जल)। यही पंचमहाभूत हैं, जो इस ब्रह्मांड और हमारे अस्तित्व की आधारशिला हैं। अतः भगवान अर्थात ये पांच तत्व, और इन्हीं का दूसरा नाम है प्रकृति।

    हमारा शरीर भी इन्हीं पंचतत्वों से निर्मित है। इसलिए, स्वस्थ शरीर ही ईश्वर की सच्ची पूजा और उसका सम्मान है — क्योंकि उस शरीर में आत्मा रूपी चेतना स्वयं विराजमान रहती है।

    *क्यों आवश्यक है आयुर्वेद?*

    यदि हमारा शरीर स्टील, सीमेंट या केमिकल से बना होता, तो रासायनिक दवाएँ उपयुक्त होतीं। परन्तु हमारा शरीर प्राकृतिक तत्वों से बना है, इसलिए इसकी देखभाल भी प्राकृतिक उपायों — विशेषतः आयुर्वेद — से ही होनी चाहिए।

    *हमारा शरीर और पंचतत्व का संबंध:*

    भू (पृथ्वी): शरीर की हड्डियाँ, मांसपेशियाँ और त्वचा — सभी का मूल आधार मिट्टी है।

    नीर (जल): हमारे शरीर में 70% से अधिक जल है, ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी का भी अधिकांश भाग जल से आच्छादित है।

    वायु: श्वास द्वारा जीवन चलता है। वायु के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती।

    अग्नि: पाचन क्रिया में पेट की अग्नि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब तक शरीर में यह ऊष्मा रहती है, तब तक वह जीवित है।

    गगन (आकाश): शरीर में सूक्ष्म स्थान, विचारों की गति, और चेतना का प्रवाह इसी आकाश तत्व के कारण संभव है।

    *पंचतत्व से ही उपचार संभव क्यों है?*

    इन तत्वों के संतुलन से ही हमारा शरीर स्वस्थ रह सकता है। जब हम प्रकृति के समीप होते हैं — पर्वतों, नदियों, अग्नि (सूर्य) के प्रकाश के पास — तो हम अधिक प्रसन्न और ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसका कारण यही पंचतत्व हैं, जिनसे हमारा संपर्क गहरा होता है।

    *पौधे — पंचतत्व का जीवंत रूप:*

    पौधे मिट्टी में उगते हैं, जल से सिंचित होते हैं, सूर्य (अग्नि) से ऊर्जा लेते हैं, वायु से श्वास और आकाश में विस्तारित होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद — जो जड़ी-बूटियों पर आधारित है — हमारे शरीर को पूर्ण रूप से संतुलित और स्वस्थ रखने की क्षमता रखता है।

    *निष्कर्ष:*
    हमारा शरीर पंचतत्वों से बना है और उसे स्वस्थ रखने के लिए हमें उन्हीं तत्वों से उपचार लेना चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली इस प्राकृतिक संतुलन को पुनर्स्थापित करती है। इसलिए, आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन के साथ जुड़ने का एक प्राकृतिक और दिव्य माध्यम है.
    *भगवान का वास्तविक अर्थ क्या है?* "भगवान" शब्द में छिपा है प्रकृति का सार — भू (पृथ्वी), गगन (आकाश), वायु, अग्नि और नीर (जल)। यही पंचमहाभूत हैं, जो इस ब्रह्मांड और हमारे अस्तित्व की आधारशिला हैं। अतः भगवान अर्थात ये पांच तत्व, और इन्हीं का दूसरा नाम है प्रकृति। हमारा शरीर भी इन्हीं पंचतत्वों से निर्मित है। इसलिए, स्वस्थ शरीर ही ईश्वर की सच्ची पूजा और उसका सम्मान है — क्योंकि उस शरीर में आत्मा रूपी चेतना स्वयं विराजमान रहती है। *क्यों आवश्यक है आयुर्वेद?* यदि हमारा शरीर स्टील, सीमेंट या केमिकल से बना होता, तो रासायनिक दवाएँ उपयुक्त होतीं। परन्तु हमारा शरीर प्राकृतिक तत्वों से बना है, इसलिए इसकी देखभाल भी प्राकृतिक उपायों — विशेषतः आयुर्वेद — से ही होनी चाहिए। *हमारा शरीर और पंचतत्व का संबंध:* भू (पृथ्वी): शरीर की हड्डियाँ, मांसपेशियाँ और त्वचा — सभी का मूल आधार मिट्टी है। नीर (जल): हमारे शरीर में 70% से अधिक जल है, ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी का भी अधिकांश भाग जल से आच्छादित है। वायु: श्वास द्वारा जीवन चलता है। वायु के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अग्नि: पाचन क्रिया में पेट की अग्नि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब तक शरीर में यह ऊष्मा रहती है, तब तक वह जीवित है। गगन (आकाश): शरीर में सूक्ष्म स्थान, विचारों की गति, और चेतना का प्रवाह इसी आकाश तत्व के कारण संभव है। *पंचतत्व से ही उपचार संभव क्यों है?* इन तत्वों के संतुलन से ही हमारा शरीर स्वस्थ रह सकता है। जब हम प्रकृति के समीप होते हैं — पर्वतों, नदियों, अग्नि (सूर्य) के प्रकाश के पास — तो हम अधिक प्रसन्न और ऊर्जावान महसूस करते हैं। इसका कारण यही पंचतत्व हैं, जिनसे हमारा संपर्क गहरा होता है। *पौधे — पंचतत्व का जीवंत रूप:* पौधे मिट्टी में उगते हैं, जल से सिंचित होते हैं, सूर्य (अग्नि) से ऊर्जा लेते हैं, वायु से श्वास और आकाश में विस्तारित होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद — जो जड़ी-बूटियों पर आधारित है — हमारे शरीर को पूर्ण रूप से संतुलित और स्वस्थ रखने की क्षमता रखता है। *निष्कर्ष:* हमारा शरीर पंचतत्वों से बना है और उसे स्वस्थ रखने के लिए हमें उन्हीं तत्वों से उपचार लेना चाहिए। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली इस प्राकृतिक संतुलन को पुनर्स्थापित करती है। इसलिए, आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि जीवन के साथ जुड़ने का एक प्राकृतिक और दिव्य माध्यम है.
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  • कल रात पाकिस्तान के सशस्त्र UAVs (मानव रहित हवाई वाहन) ने बठिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया।

    पाकिस्तानी हमले के जवाब में पाकिस्तान में 4 हवाई रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन लॉन्च किए गए। इनमें से एक ड्रोन AD रडार को नष्ट करने में सफल रहा।
    #OperationSindoor
    - कर्नल सोफिया कुरैशी
    कल रात पाकिस्तान के सशस्त्र UAVs (मानव रहित हवाई वाहन) ने बठिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे निष्क्रिय कर दिया गया। पाकिस्तानी हमले के जवाब में पाकिस्तान में 4 हवाई रक्षा स्थलों पर सशस्त्र ड्रोन लॉन्च किए गए। इनमें से एक ड्रोन AD रडार को नष्ट करने में सफल रहा। #OperationSindoor - कर्नल सोफिया कुरैशी
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  • पाकिस्तान द्वारा भारत के 15 शहरों पर किए गए हवाई हमलों की कोशिश को भारतीय वायुसेना और S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह नाकाम कर दिया.

    इस घटना ने S-400 को भारत का "सुदर्शन कवच" साबित किया है, जो दुश्मनों के हर हमले को विफल करने में सक्षम है.
    - Aaj Tak
    पाकिस्तान द्वारा भारत के 15 शहरों पर किए गए हवाई हमलों की कोशिश को भारतीय वायुसेना और S-400 वायु रक्षा प्रणाली ने पूरी तरह नाकाम कर दिया. इस घटना ने S-400 को भारत का "सुदर्शन कवच" साबित किया है, जो दुश्मनों के हर हमले को विफल करने में सक्षम है. - Aaj Tak
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  • पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस कार्रवाई में हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले जवान दिनेश शर्मा शहीद हो गए.
    -Aaj Tak
    पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस कार्रवाई में हरियाणा के पलवल जिले के मोहम्मदपुर गांव के रहने वाले जवान दिनेश शर्मा शहीद हो गए. -Aaj Tak
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  • हमने हमेशा एक responsible nation होने का रोल बड़े संयम से और सदैव निभाया है।

    हम लगातार इस बात के पक्षधर रहे हैं कि समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए हो। परंतु इसका अर्थ ये नहीं है कि हमारी सहनशीलता का कोई नाजायज फायदा उठाए।

    यदि कहीं, कोई हमारे इस संयम का फ़ायदा उठाने की कोशिश करता है, तो उसे कल की तरह ही ‘क्वॉलिटी कार्रवाई’ का सामना करने के लिए भी पूरी तरह तैयार रहना होगा।

    भारत की संप्रभुता की सुरक्षा में कोई भी हद हमारे लिए बाधा नहीं बनेगी... इसका मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं।

    - रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
    हमने हमेशा एक responsible nation होने का रोल बड़े संयम से और सदैव निभाया है। हम लगातार इस बात के पक्षधर रहे हैं कि समस्याओं का समाधान बातचीत के जरिए हो। परंतु इसका अर्थ ये नहीं है कि हमारी सहनशीलता का कोई नाजायज फायदा उठाए। यदि कहीं, कोई हमारे इस संयम का फ़ायदा उठाने की कोशिश करता है, तो उसे कल की तरह ही ‘क्वॉलिटी कार्रवाई’ का सामना करने के लिए भी पूरी तरह तैयार रहना होगा। भारत की संप्रभुता की सुरक्षा में कोई भी हद हमारे लिए बाधा नहीं बनेगी... इसका मैं देशवासियों को भरोसा देता हूं। - रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह
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  • हमने हनुमान जी के आदर्श का पालन किया...
    हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा।
    #OperationSindoor
    हमने हनुमान जी के आदर्श का पालन किया... हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। #OperationSindoor
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  • हमने हनुमान जी के आदर्श का पालन किया...
    हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा।
    #OperationSindoor
    हमने हनुमान जी के आदर्श का पालन किया... हमने केवल उन्हीं को मारा, जिन्होंने हमारे मासूमों को मारा। #OperationSindoor
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