ðŸ™ðŸ™ðŸ™à¤¬à¤¾à¤œà¤¾à¤° में à¤à¤• चिड़ीमार
#तीतर बेच रहा था । उसके पास à¤à¤• बड़ी जालीदार टोकरी में बहà¥à¤¤ सारे तीतर थे, और à¤à¤• छोटी जालीदार टोकरी में सिरà¥à¤« à¤à¤• ही तीतर था ।
à¤à¤• गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• ने पूछा, à¤à¤• तीतर कितने का है ?
चिड़ीमार बोला 40 रूपये का...
गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• ने छोटी टोकरी के तीतर की कीमत पूछी ।
तो वह चिड़ीमार बोला, मैं इसे बेचना ही नहीं चाहता । लेकिन आप जिद करोगे तो इसकी कीमत 500 रूपये होगी ।
गà¥à¤°à¤¾à¤¹à¤• ने आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ से पूछा इसकी कीमत इतनी ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है ?
चिड़ीमार बोला, दरअसल यह मेरा अपना पालतू तीतर है । यह दूसरे तीतरों को जाल में फंसाने का काम करता है ।
जब ये चीख पà¥à¤•ार कर दूसरे तीतरों को बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ है और दूसरे तीतर बिना सोचे समà¤à¥‡ ही à¤à¤• जगह जमा हो जाते हैं फिर मैं आसानी से सà¤à¥€ का शिकार कर लेता हूं ।
बाद में मैं इस तीतर को उसकी मनपसंद की खà¥à¤°à¤¾à¤• दे देता हूं जिससे ये खà¥à¤¶ हो जाता है ।
बस इसीलिठइसकी कीमत à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है ।
उस समà¤à¤¦à¤¾à¤° आदमी ने तीतर वाले को 500 रूपये देकर सरेआम बाजार में उस तीतर की गरà¥à¤¦à¤¨ मरोड़ दी ।
किसी ने पूछा, अरे ज़नाब आपने à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया..?
उसका जवाब था,
#शिकà¥à¤·à¤¾:- à¤à¤¸à¥‡ दगाबाज को जिनà¥à¤¦à¤¾ रहने का कोई हक़ नहीं है जो अपने मà¥à¤¨à¤¾à¤«à¥‡ के लिठअपने ही समाज को फंसाने का काम करे और अपने लोगों को धोखा दे ।
याद रखिà¤,
हमारी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में 500 रू की क़ीमत वाले बहà¥à¤¤ से तीतर हैं ।
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